कैंसर के उपचार के लिए दवाओं और थेरेपी के अलावा ये food भी हैं कारगर 'जीवन का आधार आहार है।' कैंसर मरीज़ों पर यह उक्ति सटीक बैठती है। इस रोग से उबरने में उपयुक्त भोजनशैली बहतु मदद करती है। कैंसर के उपचार के दौरान कैंसरग्रस्त के साथ कुछ स्वस्थ कोशिकाएं भी नष्ट हो जाती हैं। कैंसर से कमज़ोर हो रहे शरीर का वज़न तेज़ी से गिरता है। ऐसे में, संतुलित आहार शरीर को ताकत देने के साथ-साथ कैंसर प्रभावित अंगों के नवनिर्माण की प्रक्रिया में मददगार होता है। इसिलए दवाओं व थेरेपी के साथ उचित आहार भी ज़रूरी है। महत्वपूर्ण है प्रोटीन कैंसर रोगी के लिए प्रोटीन का सेवन सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कोशिकाओं के नवनिर्माण की प्रक्रिया के साथ ही दवाओं के कारण होने वाली क्षति की मरम्मत में भी सहायक होता है। सामान्यत: कैंसर के मरीज़ को उपचार के दौरान शरीर के प्रति किलोग्राम वज़न के हिसाब से 1 से 2 ग्राम प्रोटीन के सेवन की सलाह दी जाती है। यानी अगर रोगी 60 किग्रा का है, तो उसे 60 ग्राम प्रोटीन रोज़ लेना ही चाहिए। दाल, अंडे और दूध व दूध से बनी चीज़ों का सेवन कर सकते हैं वस
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Showing posts from February, 2015
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बरमूडा ट्राइएंगल के अलावा ये हैं धरती के 5 प्लेसेस, जिनके रहस्य हैं अनसुलझे ( बेननिंगटन ट्राइएंगल) बरमूडा ट्राइएंगल का नाम तो सभी ने सुना होगा। ये वो जगह है जहां से सबसे ज्यादा जहाज और प्लेन गायब हुए हैं। लेकिन दुनिया में बरमूडा ट्राइएंगल के अलावा भी ऐसी कई और जगहें हैं, जिनके रहस्य आज भी अनसुलझे हैं। इन जगहों से भी कई व्यक्ति और जहाज गायब हो चुके हैं। आज हम आपको बरमूडा ट्राइएंगल के जैसी 5 रहस्यमयी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं। 1. बेननिंगटन ट्राइएंगल अमेरिका के साउथ वेस्टर्न वेरमॉन्ट में स्थित ये जगह बहुत ही रहस्यमयी मानी जाती है। 1945 में मेंडी रिवर्स नाम का व्यक्ति इस जगह पर गाइड का काम करता था। 12 नवंबर, 1945 को लौटते समय वह कहीं गायब हो गया और उसका कभी पता नहीं चल पाया। इसके बाद 1949 में पहले तीन शिकारी इस जगह से गायब हुए, इसके बाद 1949 में ही जेम्स ई जेफोर्ड नाम का व्यक्ति भी गायब हो गया था। गायब हुए इन व्यक्तियों का आज तक पता नहीं चल पाया। ये हैं 4 अन्य रहस्यमयी प्लेसेस 2. एंगिकुनी झील 3. बिगेलो रैंच 4. प्वाइंट प्लेजेंट 5. सान लुइस वैली
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तुलसी का काढ़ा पीने से निकलती है किडनी की पथरी बाहर, ये हैं 10 फायदे भारत के हर हिस्से में तुलसी का पौधा पाया जाता है। इसका पौधा केवल डेढ़ या दो फुट तक बढ़ता है। तुलसी को हिन्दू संस्कृति में अतिपूजनीय पौधा माना गया है। माता तुल्य तुलसी को आंगन में लगा देने मात्र से अनेक रोग घर में प्रवेश नहीं करते हैं। यह हवा को भी शुद्ध बनाने का कार्य करती है। तुलसी का वानस्पतिक नाम ओसीमम सैन्कटम है। आदिवासी भी तुलसी को अनेक हर्बल नुस्खों में अपनाते हैं। आज हम तुलसी से जुडे आदिवासियों के ऐसे 10 हर्बल नुस्खों के बारे में बता रहे है जिनके बारे में शायद ही आपने कभी सुना हो। 1- किडनी की पथरी बाहर निकल सकती है किडनी की पथरी हो, तो तुलसी की पत्तियों को उबालकर बनाया गया काढ़ा शहद के साथ नियमित 6 महीने सेवन करने से पथरी मूत्र मार्ग से बाहर निकल आती है। 2 - पानी की शुद्धता के लिए आदिवासी अंचलों मे पानी की शुद्धता के लिए तुलसी के पत्ते जल पात्र में डाल दिए जाते हैं और कम से कम एक से सवा घंटे पत्तों को पानी में रखा जाता है। कपड़े से पानी को छान लिया जाता है और फिर यह पीने योग्य माना जाता है।
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बालों को असमय सफेद होने और झड़ने से बचाता है भृंगराज नदी, नालों, मैदानी इलाकों, खेत और उद्यानों में अक्सर देखा जाने वाला भृंगराज आयुर्वेद के अनुसार बड़ा ही महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है। ग्रामीण अंचलों में ब्लैक बोर्ड को काला करने के लिए जिस पौधे को घिसा जाता है, वही भृंगराज है। इसका वानस्पतिक नाम एक्लिप्टा प्रोस्ट्रेटा है। आदिवासी भृंगराज को अनेक हर्बल नुस्खों में औषधि के तौर पर उपयोग में लाते हैं। चलिए आज जानते हैं किस तरह आदिवासी भृंगराज का इस्तेमाल करते हैं। बाल सफेद होने से बचाव डांग- गुजरात के हर्बल जानकार त्रिफला, नील और भृंगराज तीनों एक-एक चम्मच लेकर 50 मिली पानी में मिलाकर रात को लोहे की कड़ाही में रख देते हैं। सुबह इसे बालों में लगाकर, इसके सूख जाने के बाद नहा लिया जाता है। आदिवासियों के अनुसार ये बालों को असमय पकने से रोकता है। नोट- भृंगराज के संदर्भ में रोचक जानकारियों और परंपरागत हर्बल ज्ञान का जिक्र कर रहें हैं डॉ. दीपक आचार्य (डायरेक्टर-अभुमका हर्बल प्रा. लि. अहमदाबाद)। डॉ. आचार्य पिछले 15 सालों से ज़्यादा भारत के सुदूर आदिवासी अंचलों जैसे पातालकोट (मध्य
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रंग साफ करने के साथ दाग-धब्बे मिटाता है आलू, ये हैं 10 फायदे आलू को ज्यादातर लोग अवॉइड करते हैं। इसकी वजह ये है कि लोग सोचते हैं कि कहीं चर्बी न बढ़ जाए और वो मोटे न हो जाएं। लेकिन आलू के कुछ ऐसे उपयोगी गुण भी हैं, जिन्हें आप जानेंगे तो ज़रूर इसे खाना चाहेंगे। वैसे भी आलू भारतीय रसोई में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाने वाली सब्ज़ी है। भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी इसे कई रूपों में खाया जाता है। सब्ज़ी के अलावा, चिप्स में इसका सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है। आलू में विटामिन सी, विटामिन बी कॉम्पलेक्स, आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज,फॉस्फोरस काफी मात्रा में पाए जाते हैं। आज हम आपको आलू के विविध उपयोग के बारे में बता रहे हैं। 1-स्किन कलर के लिए चेहरे की रौनक को बनाए रखने के लिए आलू को कद्दूकस करके चेहरे पर लगाएं और 30 मिनट तक लगा रहने दें। आलू को रोज़ लगाने से चेहरे का रंग साफ होने लगता है और किसी प्रकार की सूजन हो, तो वह कम होने लगती है। आप आलू के मिक्सचर में नींबू भी मिला सकते हैं। नींबू में विटामिन सी होता है, जो स्किन के कलर को साफ करता है। 2-रिंकल होने पर
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डिप्रेशन की निशानी है ज़्यादा देर टीवी देखना, इस टेस्ट से पता लगाएं level बिजी लाइफ और दुनियाभर की टेंशन के चलते काफी लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। हालही में एक रिपोर्ट आयी जिस में इस बात को साबित किया गया है कि ज्यादा देर तक टीवी देखना का मतलब है कि आपको डिप्रेशन हैं। आज हम आपको डिप्रेशन के बारे में बता रहे है साथ ही, कुछ टिप्स दे रहे है जिन्हें आप पता लगा सकती है कि आपको डिप्रेशन है या नहीं। टीवी देखने से डिप्रेशन होना एक के बाद एक टीवी शो देखना या फिल्में देखना, इसकी एक वजह डिप्रेशन भी हो सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास की तरफ से किए गए सर्वे से यह बात सामने आई है कि लगातार टीवी देखने की वजह व्यक्ति का डिप्रेस होना भी हो सकता है। इस तरह के लोग टीवी पर एक के बाद बाद चैनल बदलते रहते हैं और कुछ न कुछ अपने लिए टीवी पर देखने के लिए ढूंढते रहते हैं। बहुत से काम पेंडिंग होने के बावजूद कई लोग टीवी देखकर अपना टाइम पास करना चाहते हैं। रिसर्चर यून-ही-संग ने बताया कि पहले ज्यादा टीवी देखने से मोटापा और कई हेल्थ प्रॉब्लम्स होती थीं, लेकिन अब इसका संबंध डिप्रेशन से भी है।