कैंसर के उपचार के लिए दवाओं और थेरेपी के अलावा ये food भी हैं कारगर
'जीवन का आधार आहार है।' कैंसर मरीज़ों पर यह उक्ति सटीक बैठती है। इस रोग से उबरने में उपयुक्त भोजनशैली बहतु मदद करती है। कैंसर के उपचार के दौरान कैंसरग्रस्त के साथ कुछ स्वस्थ कोशिकाएं भी नष्ट हो जाती हैं। कैंसर से कमज़ोर हो रहे शरीर का वज़न तेज़ी से गिरता है। ऐसे में, संतुलित आहार शरीर को ताकत देने के साथ-साथ कैंसर प्रभावित अंगों के नवनिर्माण की प्रक्रिया में मददगार होता है। इसिलए दवाओं व थेरेपी के साथ उचित आहार भी ज़रूरी है।
महत्वपूर्ण है प्रोटीन
कैंसर रोगी के लिए प्रोटीन का सेवन सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कोशिकाओं के नवनिर्माण की प्रक्रिया के साथ ही दवाओं के कारण होने वाली क्षति की मरम्मत में भी सहायक होता है। सामान्यत: कैंसर के मरीज़ को उपचार के दौरान शरीर के प्रति किलोग्राम वज़न के हिसाब से 1 से 2 ग्राम प्रोटीन के सेवन की सलाह दी जाती है। यानी अगर रोगी 60 किग्रा का है, तो उसे 60 ग्राम प्रोटीन रोज़ लेना ही चाहिए।
कैंसर रोगी के लिए प्रोटीन का सेवन सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कोशिकाओं के नवनिर्माण की प्रक्रिया के साथ ही दवाओं के कारण होने वाली क्षति की मरम्मत में भी सहायक होता है। सामान्यत: कैंसर के मरीज़ को उपचार के दौरान शरीर के प्रति किलोग्राम वज़न के हिसाब से 1 से 2 ग्राम प्रोटीन के सेवन की सलाह दी जाती है। यानी अगर रोगी 60 किग्रा का है, तो उसे 60 ग्राम प्रोटीन रोज़ लेना ही चाहिए।
दाल, अंडे और दूध व दूध से बनी चीज़ों का सेवन कर सकते हैं
वसा बढ़ाएगी वज़न
वज़न में कमी की भरपाई के लिए आहार में केलोरी की मात्रा बढ़ाने और तेल, मक्खन और दूध लेने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा रेड मीट और मछली का सेवन भी फायदेमंद होगा।
पेट कमज़ोर हो, तो चिकनाई व तेज़ गंध वाली चीज़ों से परहेज करें।
केला, चावल और सेब जैसी नर्म गूदेदार चीज़ें खाई जा सकती हैं।
पाचन में मददगार रेशे
निश्चित अंतराल में 5-6 बार खाएं। अंतराल में गाजर, मेवों, मौसमी फलों
का सेवन लाभ देगा। भोजन में अजवायन, चेरी, टमाटर और नींबू सहित रेशेदार सब्ज़ियों का समावेश कर स्वाद और पोषण बढ़ा सकते हैं। उपचार के साइड इफेक्ट्स को ठीक करने में ऐवोकेडो, चोकरयुक्त आटा, पुडिंग, उबले अनाज, फिलयां, बादाम आदि खाद्य मदद करेंगे।
का सेवन लाभ देगा। भोजन में अजवायन, चेरी, टमाटर और नींबू सहित रेशेदार सब्ज़ियों का समावेश कर स्वाद और पोषण बढ़ा सकते हैं। उपचार के साइड इफेक्ट्स को ठीक करने में ऐवोकेडो, चोकरयुक्त आटा, पुडिंग, उबले अनाज, फिलयां, बादाम आदि खाद्य मदद करेंगे।
इनका भी रखें ख्याल
डीहाइड्रेशन और क़ब्ज़ की शिकायत दूर करने के लिए दिनभर में 8-12 गिलास पानी और तरल चीज़ें पीते रहें।
ठोस आहार में कठिनाई महसूस हो, तो दूध, दही की लस्सी और सूप का सेवन कर सकते हैं।
फलों व सब्ज़ियों को गुनगुने पानी से धोएं। दूषित खानपान से होने वाली बीमारियां रोकने के लिए पूरी सतर्कता बरतें।
फैक्ट फाइल
देश में कैंसर कें 70 फ़ीसदी मामलों में एडवांस स्टेज में ही मरीज़ इलाज के लिए पहुंच पाता है। तब तक बीमारी क़ाबू के बाहर हो चुकी होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, पहली या
दूसरी अवस्था में ही रोग को पहचानकर पूरा इलाज करवाया जाए, तो 80 फ़ीसदी रोगियों का जीवन
बच सकता है।
दूसरी अवस्था में ही रोग को पहचानकर पूरा इलाज करवाया जाए, तो 80 फ़ीसदी रोगियों का जीवन
बच सकता है।
भारत में कैंसर रोगियों में मिहलाओं की संख्या अधिक है। पुरुषों में प्राय:
जीभ, पेट और फेफड़ों के कैंसर सामने आते हैं। महिलाओं में सरवाइकल, पेट और ब्रेस्ट कैंसर के
मामले ज़्यादा सामने आते हैं, जो कि काफ़ी ख़तरनाक भी हैं।
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