WAYS: कैसे इन 5 काम को सफलतापूर्वक उनके अंजाम तक पहुंचाएं
कोई बात आज दिमाग़ में आई, जोश-जोश में तय किया कि इसे पूरा कर कर रहेंगे। शुरुआत भी बहुत दिलचस्पी के साथ हुई। लेकिन उसे याद कब तक रखा? योजनाएं बनाने में हम सब उस्ताद हैं, ख़ुद से वादे भी कर लेते हैं कि ये करेंगे, वो करेंगे, एक-दो दिन उन वादों के हिसाब से काम करते भी है। लेकिन क्या उन्हें अंजाम तक पहुंचा पाते हैं...? हम सभी की ज़िंदगी में ऐसी कई चीज़ों है,जो शुरु तो होती है, लेकिन ख़त्म नहीं हो पाते। मिसाल के तौर पर...
1-सफ़ाई
‘आज तो कमरे की सफ़ाई करके ही रहूंगा।’ यह ख्याल न जाने कितनी बार दिमाग़ में आता है। लेकिन इस अभियान को ध्वस्त होने में ज्यादा समय नहीं लगता। माना कि सफ़ाई अभियान के बीच मे सालों पुरानी चीज़ें आपको बांध लेती है। लेकिन ये भी तो सोचिए कि इसके चलते सफ़ाई अभियान थम जाता है और फिर ये दिनों से होकर महीनों तक खिंचता जाता है।
उपाय क्या है- अगर आपके आस-पास अव्यवस्था है, तो आपके जीवन में भी वह झलकेगी। प्रतिदिन साफ़-सफ़ाई पर ध्यान दें। इससे इकट्ठा अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।
2-झूठ
हम सोचते हैं एक झूठ बोलकर हम उस बात को ख़त्म कर सकते हैं। लेकिन वह एक झूठ दूसरे झूठ को न्योता देता है। उस दूसरे झूठ को छुपाने के लिए तीसरा झूठ बोलना पड़ता है। और ऐसे झूठ पर झूठ, झूठ पर झूठ चलता ही जाता है। फिर यह चक्र कभी रुक ही नहीं पाता।
चक्र को तोड़ें- झूठ का कोई अस्तिव नहीं होता। इसिलए इस खेल मे पड़ने से पहले ही पीछे हट जाएं।
3-बचत
महीने के अंत मे ठनठन गोपाल की स्थित आती है, तो सोचते हैं अगले महीने बचत खाता शुरु करके ही रहेंगे। कई तो कर भी लेते है और 1-2 महीने इस खाते में राशि डालते भी है। लेकिन इसके बाद ‘कौन-सा खाता और कौन-सी बचत...? मेरे पास
तो इस महीने कुछ नहीं बचा...।’
ध्यान दें- बचत की जो राशि तय की है, उसे तनख्वाह मिलते ही अलग कर लें। इसके बाद अन्य ख़र्चों पर ग़ौर करें
4-शॉपिंग
कुछ चीज़ें होती है जिन्हें आप ख़त्म नहीं कर पाते। और कुछ चीज़ें होती हैं, जिन्हें आप चाहकर भी ख़त्म करना नहीं चाहते। ऑनलाइन शॉपिंग दूसरी श्रेणी मे आती है। एक बार आप
ऑनलाइन शॉपिंग के जाल में फंस गए, तो फिर इससे निकलना कठिन है।
उपाय है- चीज़ें,इच्छाओं का ग़ुलाम बनकर नहीं, बल्कि ज़रुरत के अनुसार ख़रीदें। ऑनलाइन शॉपिंग का रुख़ तब ही करें, जब कुछ आवश्यक चाहिए हो।
5-गॉसिप
‘तुम किसी से कहना नहीं!’कह-कह हज़ारों तक बातें पहुंचाने वालों का गॉसिप साइकिल कभी ख़त्म नहीं हो सकता। गॉसिप की शुरुआत बड़ी आसान है, लेकिन इसका अंत आज तक किसी ने नहीं देखा।
सम्भल जाएं- गॉसिप केवल समय की बर्बादी है। इससे बचें। ‘तुम किसी से कहना नहीं।’
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