ऐसे पता करें कब हो रही है आपके अकाउंट की हैकिंग, जानें बचने के टिप्स
आज सुबह फेसबुक और इंस्टाग्राम की वेबसाइट करीब एक घंटे के लिए बंद हो गई थी। इस बात को वेबसाइट्स के सर्वर डाउन होने से जोड़ कर देखा जा रहा था, लेकिन एक हैकिंग ग्रुप लिजार्ड स्क्वेड (Lizard Squad) ने एक ट्वीट के जरिए इसकी जिम्मेदारी ली है। हैकिंग ग्रुप की ट्वीट में फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिंडर, AIM और हिपचैट को हैक करने की बात कही गई है। आज सुबह करीब साढ़े 11 बजे (भारतीय समय के अनुसार) दोनों साइट्स के 1.5 बिलियन यूजर्स लॉगइन नहीं कर पाए। वेबसाइट के साथ मोबाइल वर्जन भी बंद थे। इस तरह की हैकिंग से वैसे तो बचना असंभव है, लेकिन अगर कोई आपके पर्सनल अकाउंट को हैक करने की कोशिश करे तो उससे बचने के कुछ तरीके हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं हैकिंग से बचने के तरीकों के बारे में।
कैसे पता करें जब पर्सनल जानकारियां चोरी हो जाएं
- आपके अकाउंट में कुछ चेंज हो गया हो, जैसे बिना जानकारी के कुछ अपडेट हो रहा हो
- अकाउंट की लॉगइन एक्टिविटी कुछ बदल गई हो। मसलन किसी और शहर से आपके अकाउंट को लॉगइन किया गया हो।
- आपका मेल अकाउंट स्पैम मेल भेज रहा हो।
- आपके अकाउंट में कई फेल्ड डिलिवरी मैसेज हों।
- आपके अकाउंट में लॉगइन प्रॉब्लम हो।
- आपके अकाउंट में कुछ चेंज हो गया हो, जैसे बिना जानकारी के कुछ अपडेट हो रहा हो
- अकाउंट की लॉगइन एक्टिविटी कुछ बदल गई हो। मसलन किसी और शहर से आपके अकाउंट को लॉगइन किया गया हो।
- आपका मेल अकाउंट स्पैम मेल भेज रहा हो।
- आपके अकाउंट में कई फेल्ड डिलिवरी मैसेज हों।
- आपके अकाउंट में लॉगइन प्रॉब्लम हो।
मोबाइल वेरिफिकेशन -
गूगल, फेसबुक, ट्विटर और कई वेबसाइट्स मोबाइल वेरिफिकेशन के जरिए अपने अकाउंट को सुरक्षित बना सकते हैं। जीमेल यूजर्स के लिए ये सुविधा लंबे समय से उपलब्ध है। इसके जरिए अकाउंट लॉगइन करने के बाद जीमेल सर्वर से यूजर्स के फोन में मैसेज आता है जिसमें एक सिक्युरिटी कोड होता है। इस कोड का इस्तेमाल किए बिना अकाउंट लॉगइन नहीं होता है।
यूनीक पासवर्ड बनाएं
पासवर्ड मैनेजर जैसे लास्टपास या पासवर्ड सेफ का इस्तेमाल आप एक सुरक्षित पासवर्ड बनाने के लिए कर सकते हैं। इसे सिक्युरिटी एक्सपर्ट ब्रूस शिन्येयर ने बनाया है। ये साइट्स प्रत्येक वेबसाइट्स के लिए एक यूनीक पासवर्ड बनाती है और आपके पासवर्ड को अपने डाटाबेस के मास्टर पासवर्ड से सिक्योर करती है। पासवर्ड मैनेजर आसानी से पता किए जाने वाले पासवर्ड के रिस्क को कम करता है।
पासवर्ड मैनेजर जैसे लास्टपास या पासवर्ड सेफ का इस्तेमाल आप एक सुरक्षित पासवर्ड बनाने के लिए कर सकते हैं। इसे सिक्युरिटी एक्सपर्ट ब्रूस शिन्येयर ने बनाया है। ये साइट्स प्रत्येक वेबसाइट्स के लिए एक यूनीक पासवर्ड बनाती है और आपके पासवर्ड को अपने डाटाबेस के मास्टर पासवर्ड से सिक्योर करती है। पासवर्ड मैनेजर आसानी से पता किए जाने वाले पासवर्ड के रिस्क को कम करता है।
अगर आप पासवर्ड बनाने के लिए मैनेजर का इस्तेमाल नहीं करना चाहते और खुद से ही पासवर्ड बनाना चाहते हैं तो ध्यान रखें पासवर्ड कोई डिक्शनरी वर्ड न हो। शिन्येयर के अनुसार आप किसी वाक्य के प्रत्येक वर्ड के पहले एल्फाबेट के समूह को पासवर्ड बना सकते हैं। यह एक सुरक्षित पासवर्ड होगा।
उदाहरण के लिए-
one time in class I ate some glue इस वाक्य को आप कुछ इस तरह बना सकते हैं- 1TiC!AsG
इस तरह के यूनीक पासवर्ड को हैक करना आम पासवर्ड के मुकाबले मुश्किल होता है।
पासवर्ड के अलावा और क्या है ज़रूरी?
पर्सनल जानकारियां हैक होने से बचाने के लिए सिर्फ पासवर्ड ही काफी नहीं है। अगर कोई साइट अतिरिक्त सिक्युरिटी फीचर्स ऑफर कर रही है तो उसे भी ट्राई करें। कई बैंक साइट्स या महत्वपूर्ण साइट्स जैसे गूगल और एप्पल सिक्युरिटी फीचर्स में टू-फैक्टर ऑथेन्टिकेशन भी ऑफर करती हैं। कुछ मामलों में सेकेंड ऑथेन्टिकेशन ज़रूरी होता है तभी आप किसी दूसरे कम्प्यूटर से लॉग-इन कर सकते हैं।
पर्सनल जानकारियां हैक होने से बचाने के लिए सिर्फ पासवर्ड ही काफी नहीं है। अगर कोई साइट अतिरिक्त सिक्युरिटी फीचर्स ऑफर कर रही है तो उसे भी ट्राई करें। कई बैंक साइट्स या महत्वपूर्ण साइट्स जैसे गूगल और एप्पल सिक्युरिटी फीचर्स में टू-फैक्टर ऑथेन्टिकेशन भी ऑफर करती हैं। कुछ मामलों में सेकेंड ऑथेन्टिकेशन ज़रूरी होता है तभी आप किसी दूसरे कम्प्यूटर से लॉग-इन कर सकते हैं।
पासवर्ड बदलें-
ऑनलाइन सिक्युरिटी को सुधारने के लिए सबसे पहला स्टेप अपने पासवर्ड को बदलना है। जिस वेबसाइट पर आपकी संवेदनशील जानकारियां जैसे फाइंनेशियल, हेल्थ या क्रेडिट कार्ड से संबंधित डाटा हो उसका पासवर्ड बाकी सभी साइट्स से अलग बनाएं। इस पासवर्ड को दूसरी साइट्स के लिए इस्तेमाल न करें।
ऑनलाइन सिक्युरिटी को सुधारने के लिए सबसे पहला स्टेप अपने पासवर्ड को बदलना है। जिस वेबसाइट पर आपकी संवेदनशील जानकारियां जैसे फाइंनेशियल, हेल्थ या क्रेडिट कार्ड से संबंधित डाटा हो उसका पासवर्ड बाकी सभी साइट्स से अलग बनाएं। इस पासवर्ड को दूसरी साइट्स के लिए इस्तेमाल न करें।
थर्ड पार्टी साइट्स-
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए किसी भी थर्ड पार्टी ऐप्स को या वेबसाइट्स को एक्सेस करने से पहले एक बार चेक कर लें। जरूरी नहीं है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर दिखने वाली हर एप्लिकेशन सेफ हो। ज्यादातर हैकर्स इन एप्लिकेशन्स की मदद से यूजर्स की जानकारी निकालते हैं।
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए किसी भी थर्ड पार्टी ऐप्स को या वेबसाइट्स को एक्सेस करने से पहले एक बार चेक कर लें। जरूरी नहीं है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर दिखने वाली हर एप्लिकेशन सेफ हो। ज्यादातर हैकर्स इन एप्लिकेशन्स की मदद से यूजर्स की जानकारी निकालते हैं।
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