गैस, पेट में मरोड़ और एसिडिटी से निजात दिलाती है अजवायन, जानें 10 फायदे
रसोई में उपयोग में आने वाले मसालों का औषधीय महत्व कितना हो सकता है, इसका सटीक उदाहरण अजवायन है। अजवायन का सदियों से घरेलू नुस्खे के रूप में अनेक छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। अजवायन का वानस्पतिक नाम ट्रेकीस्पर्मम एम्माई है। आदिवासी इलाकों में अजवायन को अनेक हर्बल नुस्खों में अपनाया जाता है। चलिए, जानते हैं अजवायन से जुड़े कुछ चुनिंदा हर्बल नुस्खों के बारे में...
अजवायन के संदर्भ में रोचक जानकारियों और परंपरागत हर्बल ज्ञान का जिक्र कर रहे हैं डॉ. दीपक आचार्य (डायरेक्टर-अभुमका हर्बल प्रा. लि. अहमदाबाद)। डॉ. आचार्य पिछले 15 सालों से अधिक समय से भारत के सुदूर आदिवासी अंचलों जैसे पातालकोट (मध्य प्रदेश), डांग (गुजरात) और अरावली (राजस्थान) से आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान को एकत्रित कर उन्हें आधुनिक विज्ञान की मदद से प्रमाणित करने का कार्य कर रहे हैं।
1-पान के पत्ते के साथ अजवायन के बीजों को चबाने से गैस, पेट मे मरोड़ और एसिडिटी से निजात मिल जाती है। माना जाता है कि भुनी हुई अजवायन की करीब 1 ग्राम मात्रा को पान में डालकर चबाया जाए तो बदहजमी में तुरंत आराम मिल जाता है।
पेट में दर्द और अस्थमा के लिए
2-पेट दर्द होने पर अजवायन के दाने 10 ग्राम, सोंठ 5 ग्राम और काला नमक 2 ग्राम को अच्छी तरह मिलाकर रोगी को गुनगुने पानी के साथ 3 ग्राम चूर्ण दिन में 4-5 बार दिया जाए, तो आराम मिलता है।
3-अस्थमा के रोगी को यदि अजवायन के बीज और लौंग की समान मात्रा का 5 ग्राम चूर्ण प्रतिदिन दिया जाए तो काफी फ़ायदा होता है। अजवायन को किसी मिट्टी के बर्तन में जलाकर उसका धुआं भी दिया जाए तो अस्थमा के रोगी को सांस लेने में राहत मिलती है।
दमा और माइग्रेन के लिए फायदेमंद उपचार
4-यदि बीजों को भूनकर एक सूती कपड़े मे लपेट लिया जाए और रात में तकिये के नजदीक रखा जाए तो दमा, सर्दी और खांसी के रोगियों को रात को नींद में सांस लेने में तकलीफ नहीं होती है।
5-माइग्रेन के रोगियों को पातालकोट के आदिवासी हर्बल जानकार अजवायन का धुआं लेने की सलाह देते हैं। वैसे, अजवायन को पीस कर नारियल तेल में मिलाकर ललाट पर लगाया जाए तो सर दर्द में आराम मिलता है।
सिकाई करने के लिए
6-डांग- गुजरात के आदिवासी अजवायन, इमली के बीज और गुड़ की समान मात्रा लेकर घी में अच्छी तरह भून लेते हैं और फ़िर इसकी कुछ मात्रा प्रतिदिन नपुंसकता से ग्रसित व्यक्ति को देते हैं। इन आदिवासियों के अनुसार, ये मिश्रण पौरुषत्व बढ़ाने के साथ-साथ शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में भी मदद करता है। इससे शीघ्रपतन की समस्या में भी लाभ होता है।
7-कुंदरू के फल, अजवायन, अदरख और कपूर की समान मात्रा लेकर कूट कर एक सूती कपड़े में लपेटकर हल्का-हल्का गर्म करके सूजन वाले भागों धीमे-धीमे सिंकाई की जाए तो सूजन खत्म हो जाती है।
खांसी और एसिडिटी का कारगर उपाय
8-जिन्हें रात में अधिक खांसी होती हो, उन्हें पान में अजवायन डालकर खाना चाहिए। अदरक के रस में थोडा-सा अजवायन का चूर्ण मिलाकर लेने से खांसी में तुरंत आराम मिल जाता है।
9-हायपर एसिडिटी होने पर आधा चम्मच कच्चा जीरा और आधा चम्मच बगैर भुना अजवाइन लेने से तेजी से आराम मिलता है। ऐसा हर चार घंटे के अंतराल से लिया जाना चाहिए।
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